Not known Factual Statements About सफेद मूसली के लाभ
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भले ही आप सफेद चावल का सेवन नहीं कर सकते. लेकिन एक चावल है, जिसका आप बेझिझक सेवन कर सकते हैं और वो है 'काला चावल' यानी 'ब्लैक राइस'.
आर्टिकल में सबसे पहले हम बता रहे हैं कि सफेद मूसली क्या है।
इम्युनिटी को बढ़ाकर रोगों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर को बिमारियों से लड़ने की ताकत आती है। यह संक्रामक बीमारियों में सर्दी-जुकाम में भी खायी जाती है। इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए इसका सेवन करे।
मुसली का कोई गंभीर साइड-इफेक्ट नहीं है।
मूसली की फसल का प्रमुख उत्पाद उसकी फिंगर्स ही है जिन्हें छीलकर तथा सुखाकर सूखी मूसली तैयार की जाती है, अत: ये फिंगर्स मोटी तथा अधिक से अधिक गूदायुक्त होनी चाहिए ताकि छीलने पर ज्यादा मात्रा में गूदायुक्त फिंगर्स प्राप्त हो सकें (फिंगर्स के पतले होने पर ज्यादा गूदा प्राप्त नहीं होगा) प्राय: भूमि के ज्यादा नर्म (पोला) होने पर फिंगर्स जमीन में ज्यादा गहरी चली जाती है तथा पतली रह जाती है। अत: खेत को तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखा जाना चाहिए कि भूमि ज्यादा नर्म (पोली) न हो, दूसरे यदि खुदाई के उपरांत पौधे में ऐसी फिंगर्स निकलती हैं तो उन्हें उत्पादन के रूप में प्रयुक्त करने के बजाय प्लांटिंग मेटेरियल के रूप में प्रयुक्त कर लिया जाना चाहिए। सफेद मूसली मूलतः गर्म तथा आर्द्र प्रदेशों का पौधा है। उंत्तरांचल, हिमालय प्रदेश तथा जम्मू-कश्मीर के ऊपर क्षेत्रों में यह सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।
सफ़ेद मूसली की खेती की जाने वाले राज्यों में शामिल है। हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, पंजाब, तमिलनाडु, केरल, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश व वेस्ट बंगाल।
– सफेद मूसली खून में मौजूद शुगर के स्तर को कम Source कर सकती है। इस वजह से लो शुगर की समस्या से जूझ रहे लोगों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए या फिर शुगर की दवाई खा रहे लोगों को भी ये नहीं खानी चाहिए।
चलिए, अब कुछ सबसे अच्छे सफेद मूसली ब्रांड्स के बारे में जानते हैं।
डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लैक राइस बहुत फायदेमंद है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है.
आयुर्वेदिक गुणों के अनुसार यह देरी से पचने वाली है और कफ बढ़ाती है।
प्रीमेच्योर इजेकुलेशन - आप जब भी परम सुख का आनंद लेना चाहते हैं तो प्रीमेच्योर इजेकुलेशन हो जाती है, जिसकी बजह से आपकी सेक्स लाइफ खराब हो रही है तो इसके लिए आप सफेद मूसली का उपयोग अश्वगंधा और कौंच के बीज के साथ कर सकते हैं।
हां, सफेद मूसली चूर्ण को दूध के साथ ले सकते हैं।
इसे खाली पेट लेना चाहिए। शुरू में इसे कम मात्रा में लें और धीरे-धीरे इस मात्रा को बढ़ाएं। सफ़ेद मूसली कम से कम तीन महीने लें। इसे लम्बे समय तक लेना सुरक्षित है। पेट की समस्या होने लगे तो ली जाने वाली मात्रा कम कर लें।